भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कोई ये कहदे गुलशन गुलशन / जिगर मुरादाबादी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जिगर मुरादाबादी }} कोई ये कहदे गुलशन गुलशन <br> लाख बलाएँ ...)
 
 
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
 
|रचनाकार=जिगर मुरादाबादी
 
|रचनाकार=जिगर मुरादाबादी
}} कोई ये कहदे गुलशन गुलशन <br>
+
}}
लाख बलाएँ एक नशेमन<br><br>
+
  
कामिल रेहबर क़ातिल रेहज़न <br>
+
<poem>
दिल सा दोस्त न दिल सा दुशमन<br><br>
+
कोई ये कह दे गुलशन गुलशन
 
+
लाख बलाएँ एक नशेमन<br>
फूल खिले हैं गुलशन गुलशन<br>
+
कामिल रेहबर क़ातिल रेहज़न  
लेकिन अपना अपना दामन<br><br>
+
दिल सा दोस्त न दिल सा दुशमन<br>
 
+
फूल खिले हैं गुलशन गुलशन
उमरें बीतीं सदियाँ गुज़रीं<br>
+
लेकिन अपना अपना दामन<br>
है वही अब तक अक़्ल का बचपन<br><br>
+
उमरें बीतीं सदियाँ गुज़रीं
 
+
है वही अब तक अक़्ल का बचपन<br>
इश्क़ है प्यारे खेल नहीं है <br>
+
इश्क़ है प्यारे खेल नहीं है  
इश्क़ है कारे शीशा-ओ-आहन<br><br>
+
इश्क़ है कारे शीशा-ओ-आहन<br>
 
+
खै़र मिज़ाज-ए-हुस्न की यारब
खै़र मिज़ाज-ए- हुस्न की यारब<br>
+
तेज़ बहुत है दिल की धड़कन <br>
तेज़ बहुत है दिल की धड़कन <br><br>
+
आज न जाने राज़ ये क्या है
 
+
हिज्र की रात और इतनी रोशन<br>
आज न जाने राज़ ये क्या है<br>
+
आ कि न जाने तुझ बिन कल से
हिज्र की रात और इतनी रोशन<br><br>
+
रूह है लाशा, जिस्म है मदफ़न<br>
 
+
काँटों का भी हक़ है कुछ आखि़र
आ कि न जाने तुझ बिन कल से<br>
+
कौन छुड़ाए अपना दामन <br>
रूह है लाशा, जिस्म है मदफ़न<br><br>
+
</poem>
 
+
काँटों का भी हक़ है कुछ आखि़र <br>
+
कौन छुड़ाए अपना दामन <br><br>
+

01:51, 3 मई 2009 के समय का अवतरण

कोई ये कह दे गुलशन गुलशन
लाख बलाएँ एक नशेमन

कामिल रेहबर क़ातिल रेहज़न
दिल सा दोस्त न दिल सा दुशमन

फूल खिले हैं गुलशन गुलशन
लेकिन अपना अपना दामन

उमरें बीतीं सदियाँ गुज़रीं
है वही अब तक अक़्ल का बचपन

इश्क़ है प्यारे खेल नहीं है
इश्क़ है कारे शीशा-ओ-आहन

खै़र मिज़ाज-ए-हुस्न की यारब
तेज़ बहुत है दिल की धड़कन

आज न जाने राज़ ये क्या है
हिज्र की रात और इतनी रोशन

आ कि न जाने तुझ बिन कल से
रूह है लाशा, जिस्म है मदफ़न

काँटों का भी हक़ है कुछ आखि़र
कौन छुड़ाए अपना दामन