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"चांद मद्धम है / साहिर लुधियानवी" के अवतरणों में अंतर

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ज़िन्दगी तेरे ना-मुरादों पर,कल तलक मेहरबां रहे न रहे<br><br>
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आ तेरे गम़ में जागती आंखें,कम से कम एक रात सो जाएं<br><br>
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नींद की गोद में जहां चुप है<br><br>
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नींद की गोद में जहाँ चुप है<br><br>

21:14, 9 मई 2009 का अवतरण

चांद मद्धम है आस्माँ चुप है
नींद की गोद में जहाँ चुप है

दूर वादी में दूधिया बादल,झुक के परबत को प्यार करते हैं
दिल में नाकाम हसरतें लेकर,हम तेरा इंतज़ार करते हैं

इन बहारों के साए में आ जा,फिर मोहब्बत जवाँ रहे न रहे
ज़िन्दगी तेरे ना-मुरादों पर,कल तलक मेहरबाँ रहे न रहे

रोज़ की तरह आज भी तारे,सुबह की गर्द में न खो जाएँ
आ तेरे गम़ में जागती आँखें,कम से कम एक रात सो जाएँ

चाँद मद्धम है आस्माँ चुप है
नींद की गोद में जहाँ चुप है