"बाज़ीचा-ए-अत्फ़ाल है दुनिया मेरे आगे / ग़ालिब" के अवतरणों में अंतर
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− | बाज़ीचा-ए-अत्फ़ाल<ref>बच्चों का खेल | + | बाज़ीचा-ए-अत्फ़ाल<ref>बच्चों का खेल</ref>है दुनिया मेरे आगे |
− | </ref>है दुनिया मेरे आगे | + | |
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे | होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे | ||
− | इक खेल है औरंग-ए-सुलेमाँ <ref>सुलेमान का राजसिंहासन | + | इक खेल है औरंग-ए-सुलेमाँ <ref>सुलेमान का राजसिंहासन</ref>मेरे नज़दीक |
− | </ref>मेरे नज़दीक | + | |
इक बात है ऐजाज़-ए-मसीहा<ref>ईसा का चमत्कार जिनकी फूँक से मुर्दे जीवित हो उठते थे</ref> मेरे आगे | इक बात है ऐजाज़-ए-मसीहा<ref>ईसा का चमत्कार जिनकी फूँक से मुर्दे जीवित हो उठते थे</ref> मेरे आगे | ||
जुज़ नाम नहीं सूरत-ए-आलम मुझे मंज़ूर | जुज़ नाम नहीं सूरत-ए-आलम मुझे मंज़ूर | ||
− | जुज़<ref>के सिवा </ref> वहम नहीं हस्ती-ए-अशिया<ref>हस्ती जैसी चीज़ | + | जुज़<ref>के सिवा </ref> वहम नहीं हस्ती-ए-अशिया<ref>हस्ती जैसी चीज़</ref> मेरे आगे |
− | </ref> मेरे आगे | + | |
− | होता है निहाँ <ref>प्रकट | + | होता है निहाँ <ref>प्रकट</ref>गर्द में सहरा मेरे होते |
− | </ref>गर्द में सहरा मेरे होते | + | |
घिसता है जबीं<ref>माथा</ref> ख़ाक पे दरिया मेरे आगे | घिसता है जबीं<ref>माथा</ref> ख़ाक पे दरिया मेरे आगे | ||
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तू देख के क्या रन्ग है तेरा मेरे आगे | तू देख के क्या रन्ग है तेरा मेरे आगे | ||
− | सच कहते हो ख़ुदबीन-ओ-ख़ुदआरा<ref>गर्वित | + | सच कहते हो ख़ुदबीन-ओ-ख़ुदआरा<ref>गर्वित और आत्म-अलंकृत</ref> हूँ, न क्योँ हूँ |
− | + | बैठा है बुत-ए-आईना सीमा<ref>दर्पण के जैसे चमकने वाला माशूक</ref> मेरे आगे | |
− | </ref> हूँ, न क्योँ हूँ | + | |
− | बैठा है बुत-ए-आईना सीमा<ref>दर्पण के जैसे चमकने वाला माशूक | + | |
− | </ref> मेरे आगे | + | |
− | फिर देखिये अन्दाज़-ए-गुलअफ़्शानी-ए-गुफ़्तार<ref>बात का अंदाज़ यूँ कि जैसे फूल झड़ते हों | + | फिर देखिये अन्दाज़-ए-गुलअफ़्शानी-ए-गुफ़्तार<ref>बात का अंदाज़ यूँ कि जैसे फूल झड़ते हों</ref> |
− | </ref> | + | रख दे कोई पैमाना-ए-सहबा <ref>मधुपात्र और मदिरा</ref>मेरे आगे |
− | रख दे कोई पैमाना-ए-सहबा <ref>मधुपात्र और मदिरा | + | |
− | </ref>मेरे आगे | + | |
नफ़रत का गुमाँ गुज़रे है मैं रश्क से गुज़रा | नफ़रत का गुमाँ गुज़रे है मैं रश्क से गुज़रा | ||
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इमाँ मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ़्र | इमाँ मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ़्र | ||
− | काबा मेरे पीछे है कलीसा<ref>गिरजाघर | + | काबा मेरे पीछे है कलीसा<ref>गिरजाघर</ref> मेरे आगे |
− | </ref> मेरे आगे | + | |
− | आशिक़ हूँ पे माशूक़ फ़रेबी<ref>माशूक को रिझाने का काम | + | आशिक़ हूँ पे माशूक़ फ़रेबी<ref>माशूक को रिझाने का काम</ref> है मेरा काम |
− | </ref> है | + | |
मजनूँ को बुरा कहती है लैला मेरे आगे | मजनूँ को बुरा कहती है लैला मेरे आगे | ||
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आई शब-ए-हिजराँ<ref>विरह-रात्रि </ref> की तमन्ना मेरे आगे | आई शब-ए-हिजराँ<ref>विरह-रात्रि </ref> की तमन्ना मेरे आगे | ||
− | है मौजज़न <ref> | + | है मौजज़न <ref>लहरें मारता हुआ</ref>इक क़ुल्ज़ुम-ए-ख़ूँ<ref>रक्त का समुद्र</ref> काश! यही हो |
− | </ref>इक क़ुल्ज़ुम-ए-ख़ूँ<ref>रक्त का समुद्र | + | |
− | </ref> काश! यही हो | + | |
आता है अभी देखिये क्या-क्या मेरे आगे | आता है अभी देखिये क्या-क्या मेरे आगे | ||
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रहने दो अभी साग़र-ओ-मीना मेरे आगे | रहने दो अभी साग़र-ओ-मीना मेरे आगे | ||
− | हमपेशा-ओ-हममशरब-ओ-हमराज़<ref>सहव्यवसायी, सहपंथी | + | हमपेशा-ओ-हममशरब-ओ-हमराज़<ref>सहव्यवसायी, सहपंथी</ref> है मेरा |
− | </ref> है मेरा | + | 'गा़लिब' को बुरा क्यों, कहो अच्छा, मेरे आगे |
− | 'गा़लिब' को बुरा क्यों कहो अच्छा मेरे आगे | + | |
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13:30, 18 मई 2009 का अवतरण
बाज़ीचा-ए-अत्फ़ाल<ref>बच्चों का खेल</ref>है दुनिया मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे
इक खेल है औरंग-ए-सुलेमाँ <ref>सुलेमान का राजसिंहासन</ref>मेरे नज़दीक
इक बात है ऐजाज़-ए-मसीहा<ref>ईसा का चमत्कार जिनकी फूँक से मुर्दे जीवित हो उठते थे</ref> मेरे आगे
जुज़ नाम नहीं सूरत-ए-आलम मुझे मंज़ूर
जुज़<ref>के सिवा </ref> वहम नहीं हस्ती-ए-अशिया<ref>हस्ती जैसी चीज़</ref> मेरे आगे
होता है निहाँ <ref>प्रकट</ref>गर्द में सहरा मेरे होते
घिसता है जबीं<ref>माथा</ref> ख़ाक पे दरिया मेरे आगे
मत पूछ के क्या हाल है मेरा तेरे पीछे
तू देख के क्या रन्ग है तेरा मेरे आगे
सच कहते हो ख़ुदबीन-ओ-ख़ुदआरा<ref>गर्वित और आत्म-अलंकृत</ref> हूँ, न क्योँ हूँ
बैठा है बुत-ए-आईना सीमा<ref>दर्पण के जैसे चमकने वाला माशूक</ref> मेरे आगे
फिर देखिये अन्दाज़-ए-गुलअफ़्शानी-ए-गुफ़्तार<ref>बात का अंदाज़ यूँ कि जैसे फूल झड़ते हों</ref>
रख दे कोई पैमाना-ए-सहबा <ref>मधुपात्र और मदिरा</ref>मेरे आगे
नफ़रत का गुमाँ गुज़रे है मैं रश्क से गुज़रा
क्यों कर कहूँ लो नाम न उस का मेरे आगे
इमाँ मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ़्र
काबा मेरे पीछे है कलीसा<ref>गिरजाघर</ref> मेरे आगे
आशिक़ हूँ पे माशूक़ फ़रेबी<ref>माशूक को रिझाने का काम</ref> है मेरा काम
मजनूँ को बुरा कहती है लैला मेरे आगे
ख़ुश होते हैं पर वस्ल में यूँ मर नहीं जाते
आई शब-ए-हिजराँ<ref>विरह-रात्रि </ref> की तमन्ना मेरे आगे
है मौजज़न <ref>लहरें मारता हुआ</ref>इक क़ुल्ज़ुम-ए-ख़ूँ<ref>रक्त का समुद्र</ref> काश! यही हो
आता है अभी देखिये क्या-क्या मेरे आगे
गो हाथ को जुम्बिश नहीं आँखों में तो दम है
रहने दो अभी साग़र-ओ-मीना मेरे आगे
हमपेशा-ओ-हममशरब-ओ-हमराज़<ref>सहव्यवसायी, सहपंथी</ref> है मेरा
'गा़लिब' को बुरा क्यों, कहो अच्छा, मेरे आगे