Changes

बसन्त / केदारनाथ सिंह

126 bytes added, 20:13, 23 मई 2009
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=केदारनाथ सिंह |संग्रह=यहाँ से देखो / केदारनाथ सिंह
}}
[[Category:कविताएँ]]<poemPoem>
और बसन्त फिर आ रहा है
शाकुन्तला शाकुन्तल का एक पन्ना
मेरी अलमारी से निकलकर
हवा में फरफरा रहा है
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits