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"एक शे’र२ / अली सरदार जाफ़री" के अवतरणों में अंतर
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एक शे’र२
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अपने बेबाक निगाहों में समाया न कोई
और वह है कि हर इक ताज़ा ख़ुदा से ख़ुश है