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"कुछ क़ाज़ियों के बीच ही / अश्वघोष" के अवतरणों में अंतर

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03:51, 26 मई 2009 का अवतरण

कुछ क़ाज़ियों के बीच में मुर्ग़ी हलाल है।
बस ये हमारे देश की ज़िन्दा मिसाल है।

चीलें मिलेंगी पेट को बिल्कुल भरे हुए,
पर आदमी को देखिए वो तंग हाल है।

क्यों भेड़ियों का राज है संसद के सहन में,
ज़हनों में आज सबके यही एक सवाल है।

यूँ तो सज़ा के गाँव को वो घर में खुश हुए,
लगता है जैसे गाँव तो अब भी बवाल है।

बदलेगा ये निज़ाम भी बदलेगा एक दिन,
वो दिन नहीं है दूर ये मेरा ख़याल है।