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"करता उसे बेकरार कुछ देर / नासिर काज़मी" के अवतरणों में अंतर
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ऐ शहर-ए-तरब को जाने वालों<br> | ऐ शहर-ए-तरब को जाने वालों<br> | ||
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बेकैफी-ए-रोज़-ओ-शब मुसलसल<br> | बेकैफी-ए-रोज़-ओ-शब मुसलसल<br> | ||
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तकलीफ-ए-गम-ए-फिराक दायम<br> | तकलीफ-ए-गम-ए-फिराक दायम<br> | ||
तकरीब-ए-विसाल-ए-यार कुछ देर<br><br> | तकरीब-ए-विसाल-ए-यार कुछ देर<br><br> | ||
− | ये | + | ये गुंचा-ओ-गुल हैं सब मुसाफिर<br> |
है काफिला-ए-बहार कुछ देर<br><br> | है काफिला-ए-बहार कुछ देर<br><br> | ||
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हम लोग हैं यादगार कुछ देर | हम लोग हैं यादगार कुछ देर |
19:19, 30 मई 2009 का अवतरण
करता उसे बेकरार कुछ देर
होता अगर इख्तियार कुछ देर
क्या रोयें फ़रेब-ए-आसमाँ को
अपना नहीं ऐतबार कुछ देर
आँखों में कटी पहाड़ सी रात
सो जा दिल-ए-बेक़रार कुछ देर
ऐ शहर-ए-तरब को जाने वालों
करना मेरा इंतजार कुछ देर
बेकैफी-ए-रोज़-ओ-शब मुसलसल
सरमस्ती-ए-इंतज़ार कुछ देर
तकलीफ-ए-गम-ए-फिराक दायम
तकरीब-ए-विसाल-ए-यार कुछ देर
ये गुंचा-ओ-गुल हैं सब मुसाफिर
है काफिला-ए-बहार कुछ देर
दुनिया तो सदा रहेगी नासिर
हम लोग हैं यादगार कुछ देर