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ऐ शहर-ए-तरब को जाने वालों<br>
करना मेरा इन्तजार इंतजार कुछ देर<br><br>
बेकैफी-ए-रोज़-ओ-शब मुसलसल<br>
सरमस्ती-ए-इन्तेज़ार इंतज़ार कुछ देर<br><br>
तकलीफ-ए-गम-ए-फिराक दायम<br>
तकरीब-ए-विसाल-ए-यार कुछ देर<br><br>
ये गुनचागुंचा-ओ-गुल हैं सब मुसाफिर<br>
है काफिला-ए-बहार कुछ देर<br><br>
दुनिया को तो सदा रहेगी नासिर<br>
हम लोग हैं यादगार कुछ देर
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