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"सोती हुई बिटिया को देखकर / अशोक कुमार पाण्डेय" के अवतरणों में अंतर

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अभी-अभी
 
हुलसकर सोई हैं
 
इन साँसों में स्वरलहरियां
 
  
 
अभी-अभी  
 
अभी-अभी  
इन होठों में खिली है
 
एक ताज़ा कविता
 
 
 
अभी-अभी
 
उगा है इन आंखों में
 
नीला चाँद
 
 
अभी-अभी
 
मिला है
 
मेरी उम्मीदों को
 
एक मज़बूत दरख़्त अभी-अभी
 
 
हुलसकर सोई हैं  
 
हुलसकर सोई हैं  
 
इन साँसों में स्वरलहरियां  
 
इन साँसों में स्वरलहरियां  

23:23, 5 जून 2009 का अवतरण

अभी-अभी हुलसकर सोई हैं इन साँसों में स्वरलहरियां

अभी-अभी इन होठों में खिली है एक ताज़ा कविता


अभी-अभी उगा है इन आंखों में नीला चाँद

अभी-अभी मिला है मेरी उम्मीदों को एक मज़बूत दरख़्त