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* [[राधा श्याम सेवैँ सदा वृन्दावन वास करैँ / हरिश्चन्द्र]]
* [[सजि सेज रँग के महल मे उमँग भरी / हरिश्चन्द्र]]
* [[यह सावन सोक नसावन है मनभावन यामें न लाज भरौ / हरिश्चन्द्र]]
* [[थाकी गति आँगन की मति परि गई मँद / हरिश्चन्द्र]]