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"साधना / कविता वाचक्नवी" के अवतरणों में अंतर

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21:23, 19 जून 2009 के समय का अवतरण

साधना


एक मछली सुनहरी
ताल के तल पर ठहरी
ताकती रही रात भर
दूर चमकते तारे को।

ब्राह्ममुहूर्त में
गिरी एक ओस बूँद
गिरा तारे का आँसू
मछली के मुँह में
पुखराज बन गया।