भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"उसी दिन से / कविता वाचक्नवी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कविता वाचक्नवी }} <poem> '''उसी दिन से''' जिस दिन धुनिये ...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:06, 19 जून 2009 के समय का अवतरण
उसी दिन से
जिस दिन
धुनिये ने
सेमल की रूई तक को
धुन डाला
हवा उसी दिन से
चिपकी जाती है
मेरे होठों पर।