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"यह फागुनी हवा / फणीश्वर नाथ रेणु" के अवतरणों में अंतर

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19:11, 23 जून 2009 का अवतरण

यह फागुनी हवा

मेरे दर्द की दवा

ले आई...ई...ई...ई

मेरे दर्द की दवा!


आंगन ऽ बोले कागा

पिछवाड़े कूकती कोयलिया

मुझे दिल से दुआ देती आई

कारी कोयलिया-या

मेरे दर्द की दवा
ले के आई-ई-दर्द की दवा!


वन-वन

गुन-गुन

बोले भौंरा

मेरे अंग-अंग झनन

बोले मृदंग मन--

मीठी मुरलिया!

यह फागुनी हवा

मेरे दर्द की दवा ले के आई

कारी कोयलिया!

अग-जग अंगड़ाई लेकर जागा

भागा भय-भरम का भूत

दूत नूतन युग का आया

गाता गीत नित्य नया

यह फागुनी हवा...!


(रचनाकाल : 1956 तथा 'सारिका' के 1 अप्रैल 1979 के अंक में प्रकाशित)