भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"योग / गिरधर राठी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) छो (योग / गिरिधर राठी का नाम बदलकर योग / गिरधर राठी कर दिया गया है) |
(कोई अंतर नहीं)
|
02:38, 24 जून 2009 के समय का अवतरण
रहस द्वार पर
तनी मुट्ठियाँ
कवच टूटते
रोग-भोग में।
सहज। बावले।
थिर। उतावले।
दीवानेपन
मृत्यु-भोज में।
तपते सैकत
हिमशीतल कण
अचल विकल क्षण
उत्स-खोज में।
अगम-सुगम पथ
निरत-सुरत रथ
क्षर-अक्षर व्रत
योग-योग में।