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"समय को साधना है / नईम" के अवतरणों में अंतर
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बंधु! मेरी यही पूजा-अर्चना, आराधना है। | बंधु! मेरी यही पूजा-अर्चना, आराधना है। |
19:09, 24 जून 2009 के समय का अवतरण
भूत प्रेतों को नहीं, केवल समय को साधना है।बंधु! मेरी यही पूजा-अर्चना, आराधना है।
शब्द व्याकुल हैं
समय के मंत्र होने के लिए
और यह भाषा
व्यवस्था तंत्र होने के लिए।
हो सकें तो हों हृदय से, ये हमारी कामना है।
देखता बुनियाद पर ही
हो रहे आघात निर्मम
छातियों चिपकाए
लाखों लाख संभ्रम।
राह में मिलते विरोधों का निरंतर सामना है।
आज बाबा की बरातें
सभा सदनों में जमी
कर रहे शव साधना शिव
पूछते हो क्या कभी?
पिलपिला गणतंत्र अपना बंधु सबको व्यापना है।