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"ज़माना ख़ुदा को खु़दा जानता है / यगाना चंगेज़ी" के अवतरणों में अंतर

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जो अंजामे-फ़िक्रेरसा जानता है॥
 
जो अंजामे-फ़िक्रेरसा जानता है॥
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ख़ुदा ऐसे बंदों से क्यों फिर न जाए।
 
ख़ुदा ऐसे बंदों से क्यों फिर न जाए।

15:30, 14 जुलाई 2009 का अवतरण

ज़माना खु़दा को ख़ुदा जानता है।

यही जानता है तो क्या जानता है॥


वो क्यों सर खपाए तेरी जुस्तजू में।

जो अंजामे-फ़िक्रेरसा जानता है॥


ख़ुदा ऐसे बंदों से क्यों फिर न जाए।

जो बैठा हुआ माँगना जानता है॥


वो क्यों फूल तोड़े वो क्यों फूल सूँघे?

जो दिल का दुखाना बुरा जानता है॥