भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"प्यार की नदी / इसाक अश्क" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
कवि: [[इसाक अश्क]]
+
{{KKGlobal}}
[[Category:कविताएँ]]
+
{{KKRachna
 +
|रचनाकार=कन्हैयालाल नंदन
 +
}}
 +
 
 
[[Category:गीत]]
 
[[Category:गीत]]
[[Category:इसाक अश्क]]
+
 
+
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
+
 
+
 
सूखी
 
सूखी
  

08:53, 29 अप्रैल 2008 का अवतरण

सूखी

गुलदस्ते सी

प्यार की नदी


व्यक्ति

संवेग सब

मशीन हो गए

जीवन के

सूत्र

सरेआम खो गए

और कुछ न कर पाई

यह नई सदी


वर्तमान ने

बदले

ऐसे कुछ पैंतरे

आशा

विश्वास

सभी पात सो झरे

सपनों की

सर्द लाश

पीठ पर लदी।