भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मौन का हाथ / अरुणा राय

6 bytes added, 19:38, 23 जुलाई 2009
<poem>
पुकारने पर
प्रतिउत्तरर प्रति-उत्तर ना मिले
तो बाहर नहीं भटकूंगी अब
बल्कि लौटूंगी
हृदयांधकार में बैठा
जहांजहाँ
जल रह होगा तू
वहीं
तेरी मद्धिम आंच आँच में बैठ
गहूंगी
तेरे मौन का हाथ।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,277
edits