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"ज़र्रों से बातें करते हैं दीवारोदर से हम / जिगर मुरादाबादी" के अवतरणों में अंतर

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16:42, 25 जुलाई 2009 के समय का अवतरण



ज़र्रों से बातें करते हैं दीवारोदर से हम।
मायूस किस क़दर है, तेरी रहगुज़र से हम॥

कोई हसीं हसीं ही ठहरता नहीं ‘जिगर’।
बाज़ आये इस बुलन्दिये-ज़ौक़े-नज़र से हम॥

इतनी-सी बात पर है बस इक जंगेज़रगरी।
पहले उधर से बढ़ते हैं वो या इधर से हम॥