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"लौट आ, ओ धार! / शमशेर बहादुर सिंह" के अवतरणों में अंतर

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लौट आ, ओ धार!
 
लौट आ, ओ धार!

21:34, 28 जुलाई 2009 के समय का अवतरण

लौट आ, ओ धार!
टूट मत ओ साँझ के पत्थर
हृदय पर।
(मैं समय की एक लंबी आह!
मौन लंबी आह!)
लौट आ, ओ फूल की पंखडी!
फिर
फूल में लग जा।
चूमता है धूल का फूल
कोई, हाय!!