भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कह-मुकरियाँ / अमीर खुसरो

245 bytes removed, 14:13, 31 जुलाई 2009
उसके बिछुड़त फाटे हिया’<br>
ए सखि ‘साजन’ ना,सखि! दिया(दीपक) <br><br>
 
२१.<br>
वह आवे तब शादी होय,<br>
उस बिन दूजा और न कोय<br>
मीठे लागे वाके बोल<br>
ऐ सखि’साजन’, ना सखि ! ‘ढोल’<br>