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}}हैदराबाद। हिंदी के प्रसिद्ध क्रांतिकारी कवि वेणुगोपाल का सोमवार देर रात निधन हो गया। वह 65 वर्ष के थे और कैंसर से पीडित थे।  
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}}हैदराबाद। हिंदी के प्रसिद्ध क्रांतिकारी कवि वेणुगोपाल देहान्त के समय 65 वर्ष के थे और कैंसर से पीडित थे।  
  
22 अक्टूबर 1942 को आंध्र प्रदेश के करीमनगर में जन्मे वेणुगोपाल का मूल नाम नंद किशोर शर्मा था और वह देश में नक्सलवादी आंदोलन से उभरे हिंदी के प्रमुख क्रांतिकारी कवियों में से थे।  
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22 अक्टूबर 1942 को आंध्र प्रदेश के करीमनगर में जन्मे वेणुगोपाल का मूल नाम नंद किशोर शर्मा था और वह देश में नक्सलवादी आंदोलन से उभरे हिंदी के प्रमुख क्रांतिकारी कवियों में से थे। उन्होंने हिन्दी की कवयित्री वीरा से प्रेम विवाह किया था।
  
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार वेणुगोपाल का अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह 11 बजे होगा। उन्होंने दो शादियां की थीं और उनके एक पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। वेणुगोपाल के तीन कविता संग्रह प्रकाशित हुए थे, जिनमें वे हाथ होते-1972, हवायें चुप नहीं रहती-1980 और चट्टानों का जलगीत-1980। इसके अलावा उन्होंने काम सौंदर्य शास्त्रों की भूमिका शीर्षक से एक शोध ग्रंथ भी लिखा था।  
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वेणुगोपाल के तीन कविता संग्रह प्रकाशित हुए थे, जिनमें वे हाथ होते(1972), हवायें चुप नहीं रहती(1980) और चट्टानों का जलगीत-(1980)। इसके अलावा उन्होंने काम सौंदर्य शास्त्रों की भूमिका शीर्षक से एक शोध ग्रंथ भी लिखा था।  
  
वेणुगोपाल ने प्रमुख रंगकर्मी बब कारंत के नाटकों का निर्देशन भी किया था और उनमें अभिनय भी किया था। वह हैदराबाद में रहकर स्वतंत्र पत्रकारिता करते थे।
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वेणुगोपाल ने प्रमुख रंगकर्मी बब कारंत के नाटकों का निर्देशन भी किया था और उनमें अभिनय भी किया था। वे हैदराबाद में रहकर स्वतंत्र पत्रकारिता करते थे।

10:44, 2 अगस्त 2009 के समय का अवतरण

हैदराबाद। हिंदी के प्रसिद्ध क्रांतिकारी कवि वेणुगोपाल देहान्त के समय 65 वर्ष के थे और कैंसर से पीडित थे।

22 अक्टूबर 1942 को आंध्र प्रदेश के करीमनगर में जन्मे वेणुगोपाल का मूल नाम नंद किशोर शर्मा था और वह देश में नक्सलवादी आंदोलन से उभरे हिंदी के प्रमुख क्रांतिकारी कवियों में से थे। उन्होंने हिन्दी की कवयित्री वीरा से प्रेम विवाह किया था।

वेणुगोपाल के तीन कविता संग्रह प्रकाशित हुए थे, जिनमें वे हाथ होते(1972), हवायें चुप नहीं रहती(1980) और चट्टानों का जलगीत-(1980)। इसके अलावा उन्होंने काम सौंदर्य शास्त्रों की भूमिका शीर्षक से एक शोध ग्रंथ भी लिखा था।

वेणुगोपाल ने प्रमुख रंगकर्मी बब कारंत के नाटकों का निर्देशन भी किया था और उनमें अभिनय भी किया था। वे हैदराबाद में रहकर स्वतंत्र पत्रकारिता करते थे।