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06:57, 5 अगस्त 2009 के समय का अवतरण
अन्ध नगर है चौपट राजा
सेर टके में भाजी खाजा
राम; अयोध्या सीता वन में
सिंहासन की है मर्यादा
भाग-दौड़ दिन भर की है तो
बिगुल रात भर का भी बाजा
जिसे बिठाए बौना लगता
राजपाट भी क्या है साजा
पाँव बचाकर चलना भाई
चौराहे पर है सतनाज़ा
इम्तिहान में प्रेम है पिसता
एक खबर है हरदम ताज़ा