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"जानना ज़रूरी है / इन्दु जैन" के अवतरणों में अंतर
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मुखामुख मुस्करा रहे हैं कहां | मुखामुख मुस्करा रहे हैं कहां | ||
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फ़िर इन्हें यों सराहना | फ़िर इन्हें यों सराहना |
17:44, 5 अगस्त 2009 का अवतरण
जब वक्त कम रह जाए
तो जानना ज़रूरी है कि
क्या ज़रूरी है
सिर्फ़ चाहिए के बदले चाहना
पहचानना कि कहां हैं हाथ में हाथ दिए दोनों
मुखामुख मुस्करा रहे हैं कहां
फ़िर इन्हें यों सराहना
जैसे बला की गर्मी में घूंट भरते
मुंह में आई बर्फ़ की डली ।