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"हिंदु कहें सो हम बडे / दीन" के अवतरणों में अंतर

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सबका साहब एक, एक मुसलिम एक हिंदू॥
 
सबका साहब एक, एक मुसलिम एक हिंदू॥
  
जितना दीखै थिर नहीं, थिर है निरंजन नाम।
 
ठाठ बाट नर थिर नहीं, नाहीं थिर धन धाम॥
 
 
नाहीं थिर धन धाम, गाम घर हस्ती घोडा।
 
नजर जात थिर नाहिं, नाहिं थिर साथ संजोडा॥
 
 
कहै 'दीन दरवेश कहां इतने पर इतना ।
 
थिर निज मन सत् शब्द, नाहिं थिर दीखै जितना।
 
  
 
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20:03, 6 अगस्त 2009 का अवतरण

हिंदु कहें सो हम बडे, मुसलमान कहें हम्म।
एक मूंग दो फाडा हैं, कुण ज्यादा कुण कम्म॥

कुण ज्यादा कुण कम्म, कभी करना नहिं कजिया।
एक भगत हो राम, दुजा रहिमान सो रजिया॥

कहै 'दीन दरवेश, दोय सरिता मिलि सिंधू।
सबका साहब एक, एक मुसलिम एक हिंदू॥