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"उसकी कलाई पर लिखा है नाम तेरा / शार्दुला नोगजा" के अवतरणों में अंतर
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ईंट, पत्थर, पानी और आलव का घर | ईंट, पत्थर, पानी और आलव का घर | ||
सेंक रोटी हाथ की रेखा दहेगी | सेंक रोटी हाथ की रेखा दहेगी | ||
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वह नदी जो जंगलों में बह रही है | वह नदी जो जंगलों में बह रही है | ||
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हर लहर हो वाष्पित अंत: तपन से | हर लहर हो वाष्पित अंत: तपन से | ||
याद के दीपक विसर्जित कर जलेगी | याद के दीपक विसर्जित कर जलेगी | ||
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उसकी कलाई पर लिखा है नाम तेरा | उसकी कलाई पर लिखा है नाम तेरा | ||
− | + | क्यों बंधा ये बंध तुझ से, वो ना समझी | |
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− | क्यों बंधा ये बंध | + | |
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रेशमी ये गांठ तुझसे ना खुलेगी | रेशमी ये गांठ तुझसे ना खुलेगी | ||
− | तोलता जिसमें है तू | + | तोलता जिसमें है तू कुछ काँच, हीरे |
खुशबूएं ये उस तराज़ू ना तुलेंगीं | खुशबूएं ये उस तराज़ू ना तुलेंगीं | ||
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होंठ पे गुड़मुड़ रखी एक मुस्कुराहट | होंठ पे गुड़मुड़ रखी एक मुस्कुराहट | ||
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फिर कहेगी गीत से, तू क्यों खड़ा है | फिर कहेगी गीत से, तू क्यों खड़ा है | ||
जिन्दगी की टेक है, चलती रहेगी | जिन्दगी की टेक है, चलती रहेगी | ||
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उसकी कलाई पर लिखा है नाम तेरा | उसकी कलाई पर लिखा है नाम तेरा | ||
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06:45, 12 अगस्त 2009 का अवतरण
उसकी कलाई पर लिखा है नाम तेरा
याद में तेरी ना वो जोगन बनेगी
ईंट, पत्थर, पानी और आलव का घर
सेंक रोटी हाथ की रेखा दहेगी
वह नदी जो जंगलों में बह रही है
मानिनी सागर से जा कर ना मिलेगी
हर लहर हो वाष्पित अंत: तपन से
याद के दीपक विसर्जित कर जलेगी
उसकी कलाई पर लिखा है नाम तेरा
क्यों बंधा ये बंध तुझ से, वो ना समझी
रेशमी ये गांठ तुझसे ना खुलेगी
तोलता जिसमें है तू कुछ काँच, हीरे
खुशबूएं ये उस तराज़ू ना तुलेंगीं
होंठ पे गुड़मुड़ रखी एक मुस्कुराहट
देखना, कुछ ही पलों में खिल हँसेगी
फिर कहेगी गीत से, तू क्यों खड़ा है
जिन्दगी की टेक है, चलती रहेगी
उसकी कलाई पर लिखा है नाम तेरा
२ नवम्बर ०८