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"यादें / केशव" के अवतरणों में अंतर
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16:41, 22 अगस्त 2009 के समय का अवतरण
यादों के फूल आज फिर खिले
आखिर क्यों हम फिर उस मोड़ पर मिले
दिन कितने
तपती दुपहरों से गुज़र ढले
रेत हुईं
शामें
फिर मन की घाटी में
पगलाई रातें
भ्रम में भी हम इतना दूर चले