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"किसलय फूटी / नचिकेता" के अवतरणों में अंतर
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जो गयी सदा छल से लूटी। | जो गयी सदा छल से लूटी। | ||
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17:35, 24 अगस्त 2009 के समय का अवतरण
सूखे तरू में किसलय फूटी
बच्चों के लाल अधर जैसी
मुस्काते गुलमोहर जैसी
फूली है संजीवन बूटी
हरियाली की पायल छनकी
अँखुआयीं यादें बचपन की
सपनों की चिर तन्द्रा टूटी
अब जीवन आँखें खोलेगा
मिहनत की जेब टटोलेगा
जो गयी सदा छल से लूटी।