भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"किसलय फूटी / नचिकेता" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नचिकेता }} सूखे तरू में किसलय फूटी<br><br> बच्चों के लाल अध...)
 
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
|रचनाकार=नचिकेता
 
|रचनाकार=नचिकेता
 
}}
 
}}
 +
{{KKCatNavgeet}}
 +
<poem>
 +
सूखे तरू में किसलय फूटी
  
सूखे तरू में किसलय फूटी<br><br>
+
बच्चों के लाल अधर जैसी
 +
मुस्काते गुलमोहर जैसी
 +
फूली है संजीवन बूटी
  
बच्चों के लाल अधर जैसी<br>
+
हरियाली की पायल छनकी
मुस्काते गुलमोहर जैसी<br>
+
अँखुआयीं यादें बचपन की
फूली है संजीवन बूटी<br><br>
+
सपनों की चिर तन्द्रा टूटी
  
हरियाली की पायल छनकी<br>
+
अब जीवन आँखें खोलेगा
अंखुआयीं यादें बचपन की<br>
+
मिहनत की जेब टटोलेगा
सपनों की चिर तन्द्रा टूटी<br><br>
+
 
+
अब जीवन आँखें खोलेगा<br>
+
मिहनत की जेब टटोलेगा<br>
+
 
जो गयी सदा छल से लूटी।
 
जो गयी सदा छल से लूटी।
 +
</poem>

17:35, 24 अगस्त 2009 के समय का अवतरण

 
सूखे तरू में किसलय फूटी

बच्चों के लाल अधर जैसी
मुस्काते गुलमोहर जैसी
फूली है संजीवन बूटी

हरियाली की पायल छनकी
अँखुआयीं यादें बचपन की
सपनों की चिर तन्द्रा टूटी

अब जीवन आँखें खोलेगा
मिहनत की जेब टटोलेगा
जो गयी सदा छल से लूटी।