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"चिट्ठी का भूगोल / तारादत्त निर्विरोध" के अवतरणों में अंतर

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मिस्टर आलू गोल मटोल  
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पढ़ने बैठे चिट्ठी खोल ।  
 
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देखे टेढ़े-मेढ़े अक्षर  
 
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नाक सिकोड़ा, पीछे हँसकर ।  
 
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बोले, आना इधऱ विटोल  
 
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देखो नक़्शा यह अनमोल ।  
 
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लगता है फिर पापाजी ने  
 
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चिट्ठी में सारा भूगोल ।
 
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20:15, 28 अगस्त 2009 के समय का अवतरण

मिस्टर आलू गोल-मटोल

पढ़ने बैठे चिट्ठी खोल ।

देखे टेढ़े-मेढ़े अक्षर

नाक सिकोड़ा, पीछे हँसकर ।

बोले, आना इधऱ विटोल

देखो नक़्शा यह अनमोल ।

लगता है फिर पापाजी ने

मम्मी जी को, लिख भेजा है

चिट्ठी में सारा भूगोल ।