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"सत्ता / सुदर्शन वशिष्ठ" के अवतरणों में अंतर

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01:05, 1 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण

एक हवा है
जो होती है सदा
हर जगह हर समय
रहती है मौजूद
दिखलाई नहीं पड़ती।

महसूस होती है
जब फड़फडाता है कोई काग़ज़
पेपरवेट में अड़ा
या तड़पती है फायल
डीलिंग हैंड से दबी।

महसूस होती है
जब साईन करता है
कोई सक्षम अधिकारी।

सत्ता अहसास दिलाती है
अपने होने का
कभी धीरे-धीरे
वासंती होकर
कभी डराती है
आँधी अंधड़ बनकर
तो कभी झुलसाती हइ लू बनकर।

यह वही है
जिससे एकाएक राजा बन जाते राहगीर
रंक हो जाते सिंहासनारूढ़ ।
जो होती है सदा
हर जगह हर समय
दिखलाई नहीं पड़ती।