भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अभी-अभी / सुदर्शन वशिष्ठ" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुदर्शन वशिष्ठ |संग्रह=अनकहा / सुदर्शन वशिष्ठ }} <...)
 
(कोई अंतर नहीं)

02:58, 1 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण

अभी अभी जो चला था झण्डा उठाए
पसीने से लतपथ
बैठ गया कुर्सी पर अभी अभी
अभी अभी जो कर रहा था बात
मजदूर किसान की
बन गया सौदागर अभी अभी।

अभी कह रहा था बहुत अच्छा!
खारिज कर गया पूरा लेखन अभी अभी!

अभी अभी जो चला था सिर छिपाए
टोपी बदल गया अभी अभी।

हँसता खेलता दौड़ रहा था अभी अभी
हार कर बैठ गया अभी अभी।

अरे! वह तो
ज़िन्दा था अभी अभी
मुझ से बात की
अभी अभी।