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सुनता है तानाशाह टैंकों की गरगराहट में संगीत की धुन फेफड़े को तरोताजा कर जाती है बारुदी धुएँ उन्हें नींद लाती है धमाकों की आवाज

तानाशाह खाता है गाता है और मुस्कुराता है

तानाशाह जब मुस्कुराता है लोग जुट जाते है मानचित्रों पर किसी तिब्बत की तलाश में ! --अरविन्द श्रीवास्तव १९:३४, २ सितम्बर २००९ (UTC)ARVIND SRIVASTAVAकड़ी शीर्षक