भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सर ख़ुशी की ज़ीस्त में सौग़ात लेकर आएगा / बुनियाद हुसैन ज़हीन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= बुनियाद हुसैन ज़हीन |संग्रह= }} Category:ग़ज़ल <poem> सर ...) |
छो (सर ख़ुशी की ज़ीस्त में सौगात लेकर आएगा / बुनियाद हुसैन ज़हीन का नाम बदलकर सर ख़ुशी की ज़ीस्त में सौ) |
||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार= बुनियाद हुसैन ज़हीन | |रचनाकार= बुनियाद हुसैन ज़हीन | ||
− | |संग्रह= | + | |संग्रह=एहसास के रंग / बुनियाद हुसैन ज़हीन |
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatGhazal}} | |
<poem> | <poem> | ||
− | सर ख़ुशी की ज़ीस्त में | + | सर ख़ुशी की ज़ीस्त में सौग़ात लेकर आएगा |
जब कोई बच्चा नए जज़्बात लेकर आएगा | जब कोई बच्चा नए जज़्बात लेकर आएगा | ||
− | वक़्त जब | + | वक़्त जब मजबूरी -ए-हालात लेकर आएगा |
− | + | ख़ून में डूबे हुए दिन-रात लेकर आएगा | |
− | + | ग़म तेरी बर्बादियों का देख लेना एक दिन | |
जान पर मेरी कई सदमात लेकर आएगा | जान पर मेरी कई सदमात लेकर आएगा | ||
पंक्ति 18: | पंक्ति 18: | ||
मेरे हिस्से की ख़ुशी भी साथ लेकर आएगा | मेरे हिस्से की ख़ुशी भी साथ लेकर आएगा | ||
− | मेरे | + | मेरे ज़ख़्मों को वो फिर से ताज़ा करने के लिए |
बातों -बातों में पुरानी बात लेकर आएगा | बातों -बातों में पुरानी बात लेकर आएगा | ||
− | हम ग़रीबों की दुआओं का नया | + | हम ग़रीबों की दुआओं का नया बदला ''ज़हीन'' |
रहमतों की इक नई बरसात लेकर आएगा | रहमतों की इक नई बरसात लेकर आएगा | ||
</poem> | </poem> |
21:36, 7 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण
सर ख़ुशी की ज़ीस्त में सौग़ात लेकर आएगा
जब कोई बच्चा नए जज़्बात लेकर आएगा
वक़्त जब मजबूरी -ए-हालात लेकर आएगा
ख़ून में डूबे हुए दिन-रात लेकर आएगा
ग़म तेरी बर्बादियों का देख लेना एक दिन
जान पर मेरी कई सदमात लेकर आएगा
अब वो मेरे सहन -ए-दिल में जब भी रक्खेगा क़दम
मेरे हिस्से की ख़ुशी भी साथ लेकर आएगा
मेरे ज़ख़्मों को वो फिर से ताज़ा करने के लिए
बातों -बातों में पुरानी बात लेकर आएगा
हम ग़रीबों की दुआओं का नया बदला ज़हीन
रहमतों की इक नई बरसात लेकर आएगा