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"मैं नहीं, लेकिन मेरा अफ़साना उनके दिल में है / साक़िब लखनवी" के अवतरणों में अंतर

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22:44, 9 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण


मैं नहीं, लेकिन मेरा अफ़साना उनके दिल में है।
जानता हूँ मैं कि किस रग में यह नश्तर रह गया॥

आशियाने के तनज़्ज़ुल से बहुत खुश हूँ कि वो,
इस क़दर उतरा कि फूलों के बराबर रह गया॥