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"भिक्षु / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर

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16:18, 12 सितम्बर 2009 का अवतरण

अपने कमण्डल को उल्टा कर
भिक्षु ने अपने सर पर डाल लिया
जाड़े की किटकिटाती रात में
ठिठुरता हुआ भिक्षु
एक अलाव के पास रुका
तो उसके गेरुआ वस्त्रों ने
आग पकड़ ली.
---सपना