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"पुनर्जन्म / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर
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16:20, 12 सितम्बर 2009 का अवतरण
सुबह के सपने में
दो नीले प्रेत
अपनी-अपनी परछाईयों से लड़ते हैं
और दिशा भ्रमित यात्री :
आधा सोया
आधा जगा
चौंधियाती धूप सने रास्तों पर
भटकता रहा
अतीत के युग
सिमट कर
वर्तमान के पल बने
और भविष्य के भूतों ने
दी उसके माथे पर दस्तक
प्रेत बोलाः
युग पलों में
और दूरियाँ पगों में मापकर
तुमने आत्महत्या की है
जाग आई तो चाय का प्याला लाई
तब----
तेरी आँखों की जोगिया चाय में रचकर
मैंने कहाः
पुंर्जन्म हुआ है मेरा,
सपने पर आधारित