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"बच्चे,औरतें और आदमी / अवतार ऐनगिल" के अवतरणों में अंतर
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18:25, 12 सितम्बर 2009 का अवतरण
हमारी बिल्ली बाहर धूप में सो रही है
मेरी मां सुबह से
लगातार
लगातार कपड़े धो रही है
वह चौके-बासन से निंबटकर
हाथ पोंछते हुए
उसके बिस्तर तक जाती है
और दो इस्पाती हथेलियों में
कैद हो जाती है
वह आदमी
जो हर पोस्टर पर छपा है
हर दीवार पर खुदा है
जो हज़ार बरसों से गुमशुदा है....।