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"जपाकुसुम का फूल / लावण्या शाह" के अवतरणों में अंतर
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बन पराग, उडा़ दे, रंग दे, केसर मिश्रित धूल! | बन पराग, उडा़ दे, रंग दे, केसर मिश्रित धूल! | ||
+ | लाल लाल, कोमल पंखुरियाँ, अंजुरी भरी गुलाल | ||
+ | रंग भीना, मन मानस तरसे, जपाकुसुम का फूल! | ||
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+ | सांस सांस मृदंग बजेगी झाँझर की झालर झमकेगी | ||
+ | रोली कुमकुम, भर करे आरती, जपाकुसुम का फूल! | ||
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00:27, 13 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण
झूम झूम झूम तू डा़ली पर झूम, मन मेरे!
बन के, तू जप कुसुम का फूल!
डा़ली की हरियाली से तू खेल खेल खिल जा रे,
ओ मेरे मन झूम तू, बन जपाकुसुम का फूल!
आज फिजा में फैला दे तू, अपनी चितवन का रूप,
बन पराग, उडा़ दे, रंग दे, केसर मिश्रित धूल!
लाल लाल, कोमल पंखुरियाँ, अंजुरी भरी गुलाल
रंग भीना, मन मानस तरसे, जपाकुसुम का फूल!
सांस सांस मृदंग बजेगी झाँझर की झालर झमकेगी
रोली कुमकुम, भर करे आरती, जपाकुसुम का फूल!