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"पल पल जीवन बीता जाये / लावण्या शाह" के अवतरणों में अंतर
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कोई कोयल गाये रे! | कोई कोयल गाये रे! | ||
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+ | कहीं अधखिली चमेली भान बुलाए | ||
+ | कहीं दूब है हरी हरी कहीं भँवरा मँड़राये रे! | ||
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00:35, 13 सितम्बर 2009 का अवतरण
पल पल जीवन बीता जाए
निर्मित मन के रे उपवन में
कोई कोयल गाये रे!
सुख के दुख के पंख लगाये
कोई कोयल गाये रे!
कहीं खिली है मधुर कामिनी
कहीं अधखिली चमेली भान बुलाए
कहीं दूब है हरी हरी कहीं भँवरा मँड़राये रे!