भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"तकदीर का फसाना जाकर किसे सुनाएं / हसरत जयपुरी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हसरत जयपुरी }} तकदीर का फसाना जाकर किसे सुनाएं<br> इस दिल...)
 
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
}}  
 
}}  
  
तकदीर का फसाना जाकर किसे सुनाएं<br>
+
तक़दीर का फसाना जाकर किसे सुनाएँ<br>
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं ।।<br>
+
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएँ ।।<br>
  
सांसों में आज मेरे तूफान उठ रहे हैं<br>
+
सांसों में आज मेरे तूफ़ान उठ रहे हैं<br>
 
शहनाईयों से कह दो कहीं और जाकर गायें<br>
 
शहनाईयों से कह दो कहीं और जाकर गायें<br>
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं ।।<br>
+
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएँ ।।<br>
  
मतवाले चांद सूरज, तेरा उठायें डोला<br>
+
मतवाले चाँद सूरज, तेरा उठायें डोला<br>
तुझको खुशी की परियां घर तेरे लेके जाएं<br>
+
तुझको खुशी की परियां घर तेरे लेके जाएँ<br>
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं ।।<br>
+
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएँ ।।<br>
  
 
तुम तो रहो सलामत, सेहरा तुम्हें मुबारक<br>
 
तुम तो रहो सलामत, सेहरा तुम्हें मुबारक<br>
मेरा हरेक आंसू देने लगा दुआएं<br>
+
मेरा हरेक आँसू देने लगा दुआएँ<br>
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं ।।<br>
+
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएँ ।।<br>

18:15, 13 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण

तक़दीर का फसाना जाकर किसे सुनाएँ
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएँ ।।

सांसों में आज मेरे तूफ़ान उठ रहे हैं
शहनाईयों से कह दो कहीं और जाकर गायें
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएँ ।।

मतवाले चाँद सूरज, तेरा उठायें डोला
तुझको खुशी की परियां घर तेरे लेके जाएँ
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएँ ।।

तुम तो रहो सलामत, सेहरा तुम्हें मुबारक
मेरा हरेक आँसू देने लगा दुआएँ
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएँ ।।