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"जाना है दूर / रमानाथ अवस्थी" के अवतरणों में अंतर
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− | + | अनगिन चिंताओं के साथ खड़ा हूँ यहाँ | |
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− | + | तन की क्या बात मन बेहद सैलानी है | |
− | + | कर नहीं पाता मन अपनी मनमानी है। | |
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− | + | दर्द भी सहे हैं हो कर के मशहूर | |
+ | रोको मत जाने दो जाना है दूर | ||
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+ | अब नहीं कुछ भी पाने को मन करता | ||
+ | कभी कभी जीवन भी मुझको अखरता | ||
+ | सांस का ठिकाना क्या आए न आए | ||
+ | यह बात कौन किसे कैसे समझाए | ||
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+ | होना है जो भी वह होगा ज़रूर। | ||
+ | रोको मत जाने दो जाना है दूर। | ||
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13:14, 15 सितम्बर 2009 का अवतरण
रोको मत जाने दो जाना है दूर
वैसे तो जाने को मन ही होता नहीं,
लेकिन है कौन यहाँ जो कुछ खोता नहीं
तुमसे मिलने का मन तो है मैं क्या करूँ?
बोलो तुम कैसे कब तक मैं धीरज धरूँ।
मुझसे मत पूछो मैं कितना मजबूर।
रोको मत जाने दो जाना है दूर
अनगिन चिंताओं के साथ खड़ा हूँ यहाँ
पूछता नहीं कोई जाऊँगा मैं कहाँ?
तन की क्या बात मन बेहद सैलानी है
कर नहीं पाता मन अपनी मनमानी है।
दर्द भी सहे हैं हो कर के मशहूर
रोको मत जाने दो जाना है दूर
अब नहीं कुछ भी पाने को मन करता
कभी कभी जीवन भी मुझको अखरता
सांस का ठिकाना क्या आए न आए
यह बात कौन किसे कैसे समझाए
होना है जो भी वह होगा ज़रूर।
रोको मत जाने दो जाना है दूर।