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"क़फ़स से ठोकरें खाती नज़र जिस नख़्लतक पहुंची / आरज़ू लखनवी" के अवतरणों में अंतर
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14:17, 15 सितम्बर 2009 का अवतरण
क़फ़स से ठोकरें खाती नज़र जिस नख़्ल तक पहुँची।
उसी पर लेके इक तिनका बिनाए-आशियाँ रख दी॥