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"लघु प्राण दीप / राम सनेहीलाल शर्मा 'यायावर'" के अवतरणों में अंतर

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सारे नक्षत्र मुरझाए हैं
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निष्प्रभ शशि हुआ निराश परम
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हर ओर अँधेरे साए हैं
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बन ज्योतिपुंज साकार उठे
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आतंकमढ़ी हों सुबह शाम
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बस रावण गरजे अष्ट याम
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ऋषि–प्रज्ञा भी आहार बने
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पर जीतेंगे हर बार राम
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जय जय जग मुग्ध पुकार उठे
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तम के पर्वत को गलने दो
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इस ज्योतिपर्व को चलने दो
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विश्वास रखो हारेगा तम
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साँसों का दीपक जलने दो
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बस स्नेह सजल साकार उठे
 
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18:57, 15 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण

बनकर अभीत हुँकर उठे
लघु प्राण दीप ललकार उठे

सूरज ने शस्त्र झुकाए हैं
सारे नक्षत्र मुरझाए हैं
निष्प्रभ शशि हुआ निराश परम
हर ओर अँधेरे साए हैं
बन ज्योतिपुंज साकार उठे

आतंकमढ़ी हों सुबह शाम
बस रावण गरजे अष्ट याम
ऋषि–प्रज्ञा भी आहार बने
पर जीतेंगे हर बार राम
जय जय जग मुग्ध पुकार उठे

तम के पर्वत को गलने दो
इस ज्योतिपर्व को चलने दो
विश्वास रखो हारेगा तम
साँसों का दीपक जलने दो
बस स्नेह सजल साकार उठे