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"उम्र / रंजना भाटिया" के अवतरणों में अंतर

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उम्र.....
कुछ यूँ बही
जैसे नदी का
तेज बहाव

उम्र.....
न जाने
कहाँ हुआ गुम
तेरा -मेरा
मैं और तुम


उम्र.....
तन्हा रास्ता
तन्हा ही है
दुनिया का मेला
जाए हर कोई अकेला ।