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"बिखरे लफ़्ज़ / रंजना भाटिया" के अवतरणों में अंतर
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रचना यहाँ टाइ१)मीठी इच्छा
कुछ दिन
नभ पर
हमें भी तो
चमकाने दो
जाओ चाँद
तुम छुट्टी पर
२)मीठी इच्छा
हवा के पंखो
पर बने
एक आशियाना
सात गगन का
हो बस एक आसमान...
३)कविता
ज़िंदगी कविता ....
या
कविता ज़िंदगी...
यह सोचते सोचते
कई पन्ने रंग दिए
कई लम्हे गुज़ार दिए ...
४)सपने
शबनम के कुछ कतरे
यादो के जाल में
धीरे से चुपके से
बस यूँ ही आखो में
उतर आते हैं
कभी ना सच होने के लिए !
५)तेरी यादे
दिल में दबी हुई
कुछ अंतिम साँस जैसी
कोई कब्र गाह मिले
तो इनको चुपके से दफ़ना दूँ !
६)बिंब
तेरे मेरे प्यार का
एक मिला जुला चेहरा
जिसे दुनिया अब :
""हमारा"" कहती है !!