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Kavita Kosh से
<tr><td rowspan=2>[[चित्र:Lotus-48x48.png]]</td>
<td rowspan=2> <font size=4>सप्ताह की कविता</font></td>
<td> '''शीर्षक: '''दिल्ली होने से तो अच्छा हैपास रह के भी बोहत दूर हैं दोस्त<br> '''रचनाकार:''' [[विनय दुबेशकेब जलाली]]</td>
</tr>
</table>
<pre style="overflow:auto;height:21em;background:transparent; border:none">
सभी पज़मुर्दा हैं महफ़िल में शकेब
मैं परेशान हूँ, रंजूर हैं दोस्त
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</div><div class='boxbottom'><div></div></div></div>