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"सुरेश चन्द्र शौक़ / परिचय" के अवतरणों में अंतर
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5 अप्रैल, 1938 को ज्वालामुखी (हिमाचल प्रदेश) में जन्मे ,एम.ए. तक शिक्षा प्राप्त, श्री सुरेश चन्द्र 'शौक़' ए. जी. ऑफ़िस से बतौर सीनियर ऑडिट आफ़िसर रिटायर होकर आजकल शिमला में रहते हैं. तेरी ख़ुशबू में बसे ख़त... के सुप्रसिद्ध शायर श्री राजेन्द्र नाथ रहबर के शब्दों में: " 'शौक़' साहिब की शायरी किसी फ़क़ीर द्वारा माँगी गई दुआ की तरह है जो हर हाल में क़बूल हो कर रहती है. " शौक़' जी का ग़ज़ल संग्रह "आँच" बहुत लोकप्रिय हुआ है. | 5 अप्रैल, 1938 को ज्वालामुखी (हिमाचल प्रदेश) में जन्मे ,एम.ए. तक शिक्षा प्राप्त, श्री सुरेश चन्द्र 'शौक़' ए. जी. ऑफ़िस से बतौर सीनियर ऑडिट आफ़िसर रिटायर होकर आजकल शिमला में रहते हैं. तेरी ख़ुशबू में बसे ख़त... के सुप्रसिद्ध शायर श्री राजेन्द्र नाथ रहबर के शब्दों में: " 'शौक़' साहिब की शायरी किसी फ़क़ीर द्वारा माँगी गई दुआ की तरह है जो हर हाल में क़बूल हो कर रहती है. " शौक़' जी का ग़ज़ल संग्रह "आँच" बहुत लोकप्रिय हुआ है. |
21:57, 22 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण
5 अप्रैल, 1938 को ज्वालामुखी (हिमाचल प्रदेश) में जन्मे ,एम.ए. तक शिक्षा प्राप्त, श्री सुरेश चन्द्र 'शौक़' ए. जी. ऑफ़िस से बतौर सीनियर ऑडिट आफ़िसर रिटायर होकर आजकल शिमला में रहते हैं. तेरी ख़ुशबू में बसे ख़त... के सुप्रसिद्ध शायर श्री राजेन्द्र नाथ रहबर के शब्दों में: " 'शौक़' साहिब की शायरी किसी फ़क़ीर द्वारा माँगी गई दुआ की तरह है जो हर हाल में क़बूल हो कर रहती है. " शौक़' जी का ग़ज़ल संग्रह "आँच" बहुत लोकप्रिय हुआ है.
संपर्क- satpalg.bhatia@gmail.com