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"फलों में स्वाद की तरह / केदारनाथ सिंह" के अवतरणों में अंतर
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जैसे आकाश में तारे
जल में जलकुम्भी
हवा में आक्सीजन
पृथ्वी पर उसी तरह
मैं
तुम
हवा
मृत्यु
सरसों के फूल
जैसे दियासलाई में काठी
घर में दरवाज़े
पीठ में फोड़ा
फलों में स्वाद
उसी तरह...
उसी तरह...