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"मत मेरा संसार मुझे दो / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर
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राह दिखा, दे धीरज मन में, | राह दिखा, दे धीरज मन में, | ||
जला मुझे जड़ राख बना दे ऐसे तो अंगार मुझे दो! | जला मुझे जड़ राख बना दे ऐसे तो अंगार मुझे दो! | ||
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योग्य नहीं यदि मैं जीवन के, | योग्य नहीं यदि मैं जीवन के, | ||
जीवन के चेतन लक्षण के, | जीवन के चेतन लक्षण के, | ||
मुझे खुशी से दो मत जीवन, मरने का अधिकार मुझे दो! | मुझे खुशी से दो मत जीवन, मरने का अधिकार मुझे दो! | ||
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00:15, 28 सितम्बर 2009 का अवतरण
मत मेरा संसार मुझे दो!
जग की हँसी, घृणा, निर्ममता
सह लेने की तो दो क्षमता,
शांति भरी मुस्कानों वाला यदि न सुखद परिवार मुझे दो!
मत मेरा संसार मुझे दो!
ज्योति न को ऐसी तम घन में,
राह दिखा, दे धीरज मन में,
जला मुझे जड़ राख बना दे ऐसे तो अंगार मुझे दो!
मत मेरा संसार मुझे दो!
योग्य नहीं यदि मैं जीवन के,
जीवन के चेतन लक्षण के,
मुझे खुशी से दो मत जीवन, मरने का अधिकार मुझे दो!
मत मेरा संसार मुझे दो!