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"बुलबुल जा रही है आज / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर

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कंटकों से तन छिदा है,
 
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याद भोगे सुख-दुखों की आ रही है आज!
 
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प्यार मेरा फूल को भी,
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प्यार मेरा शूल को भी,
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फूल से मैं खुश, नहीं मैं शूल से नाराज!
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बुलबुल जा रही है आज!
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आ रहा तूफान हर-हर,
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अब न जाने यह उड़ाकर,
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फेंक देगा किस जगह पर!
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तुम रहो खिलते, महकते कलि-प्रसून-समाज!
 
बुलबुल जा रही है आज
 
बुलबुल जा रही है आज
 
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10:07, 28 सितम्बर 2009 का अवतरण

बुलबुल जा रही है आज!

प्राण सौरभ से भिदा है,
कंटकों से तन छिदा है,
याद भोगे सुख-दुखों की आ रही है आज!
बुलबुल जा रही है आज!

प्यार मेरा फूल को भी,
प्यार मेरा शूल को भी,
फूल से मैं खुश, नहीं मैं शूल से नाराज!
बुलबुल जा रही है आज!

आ रहा तूफान हर-हर,
अब न जाने यह उड़ाकर,
फेंक देगा किस जगह पर!
तुम रहो खिलते, महकते कलि-प्रसून-समाज!
बुलबुल जा रही है आज